🖊️शहबाज़ आलम (संभागीय ब्यूरो सरगुजा)
ईद मिलादुन्नबी पर निकाला विशाल जुलूस, हज़ारों की संख्या में शामिल हुआ मुस्लिम समाज

पैंगबर हज़रत मुहम्मद स.अ.व के जन्मदिन के अवसर पर शहर में हुआ जलसा एवं जुलूस का आयोजन
ईद मिलादुन्नबी व जुलूस-ए-मुहम्मदी की तैयारियां एक दिन पहले से ही हो चुकी थी पूरी
बैकुंठपुर। ईद मिलादुन्नबी का त्यौहार देश भर में आज मनाया जा रहा है। जिला मुख्यालय कोरिया बैकुंठपुर में भी जश्ने ईद मिलादुन्नबी बहुत ही सौहार्दपूर्ण एवं शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया जिसमें विशाल जुलूस ए मुहम्मदी निकाल कर शहर के मुख्य मार्ग कुमार चौक से होते हुए एस.ई.सी.एल चौक,वनमण्डल कार्यालय, खुटहनपारा, पानी टंकी, स्कूलपारा, भाजपा कार्यालय होते हुए कुमार चौक में समापन किया गया। जुलूस में बच्चे, बुजुर्ग, युवाओं ने बडी संख्या में हिस्सा लिया एवं जुलूस में शामिल होकर नात ए रसूल एवं दुरूद शरीफ पड़ते हुए अकीदत से जुलूस को प्रशासन के गाईडलाईन के मुताबिक सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक निकारकर आयोजन का समापन किया गया। सुरक्षा के मद्देनजर जुलूस में पुलिस बल भी तैनात किया गया।
जुलूस में अल्लाह हू अकबर व सरकार की आमद मरहबा के नारों बुलंद किए गए l वहीं शहर के मुख्य पॉइंट्स पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुलूस का फूलों से भव्य स्वागत किया गया l ईद मिलादुन्नबी के मौके पर शहर की जामा मस्जिद में भी भव्य सजावट की गई । मस्जिद के पेश ईमाम मौलाना आरिफ रज़ा कादरी ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी ईद मिलादुन्नबी पर्व धूमधाम से मनाया गया l जुलूस रैली व मस्जिदों में दुआ के जरिए देश- प्रदेश में अमन- चयन और शांति की दुआ की गई है l
उस्मानिया कमेटी द्वारा जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी का प्रोग्राम कराया गया
ईद मिलादुन्नबी की पूर्व संध्या पर बुधवार को उस्मानिया कमेटी खुटहनपारा की ओर से खुटहनपारा ग्राउंड में जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी का आयोजन हुआ। मुख्य वक्ता मौलाना मोहम्मद इमामुद्दीन कादरी ने कहा कि इस्लामी माह रबीउल अव्वल शरीफ की 12 तारीख को अरब के मक्का शहर में पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद स.अ.व का जन्म हुआ।हजरत मुहम्मद स.अ.व पूरी दुनिया के लिए रहमत बन कर आए, इंसानियत, अमन, त्याग, प्रेम, दया, शिक्षा की अनिवार्यता, इंसाफ और महिलाओं के हकों और इज्जत की रक्षा की शिक्षा दी। बैकुंठपुर के जुलूस का नेतृत्व जामा मस्जिद के इमाम मौलाना आरिफ रज़ा कादरी ने किया एवं जुलूस समापन के बाद जामा मस्जिद बैकुंठपुर में फातिहा खानी एवं सलातो सलाम पेश कर पैंगबर मुहम्मद स.अ.व को खिराजे अकीदत पेश किया गया।