राज्यसभा में आज कृषि विधेयकों के खिलाफ ऐड़ी चोटी का जोर लगाएगा विपक्ष

राज्यसभा में रविवार को विवादास्पद फार्म बिलों पर चर्चा होनी है। ऐसे में कांग्रेस और कई विपक्षी दल इन प्रस्तावित विधेयकों का विरोध करने के लिए एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं। वे उन्हें किसान विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक बताते हैं। वही सत्तारूढ़ भाजपा और कई क्षेत्रीय संगठन इसका समर्थन कर रहे हैं।

हालांकि, राज्यसभा से इन विधेयकों को पारित करवाने के लिए संख्या सत्तारूढ़ के पक्ष में प्रतीत होती है, जबकि निचले सदन ने एनडीए के एक प्रमुख सदस्य शिरोमणि अकाली दल के विरोध के बावजूद पहले ही उन्हें मंजूरी दे दी है।

कहा जाता है कि कुछ प्रमुख भाजपा नेता इन बिलों के लिए अपने राज्यसभा सदस्यों से समर्थन लेने के लिए विभिन्न गैर-कांग्रेसी विपक्षी दलों के संपर्क में हैं। जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पास 245 सदस्यीय राज्यसभा में अपना खुद का स्पष्ट बहुमत होना बाकी है। कई क्षेत्रीय दलों ने सरकार द्वारा प्रस्तावित विभिन्न विधानों के पारित होने को सुनिश्चित करने के लिए पिछले कई सत्रों से इसका समर्थन किया है।

विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार रात मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, लोकसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य, संवर्द्धन और सुविधा विधेयक-2020; कृषक सशक्तिकरण एवं संरक्षण, कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 साढ़े पांच घंटे की चर्चा के बाद पारित हो गया। इस दौरान विपक्ष ने वॉकआउट किया। वहीं, इससे संबंधित आवश्यक वस्तु (संशोधन) बिल मंगलवार को ही पास हो चुका है।

भाजपा की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल अध्यादेश के समय से ही इसका विरोध कर रही है। गुरुवार को जब विधेयक लोकसभा में पेश किया गया तो अकाली दल के सांसद सुखबीर सिंह बादल ने विरोध करते हुए कहा कि हरसिमरत कौर बादल मंत्री पद से इस्तीफा देंगी। हरसिमरत केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्री है। अकाली दल भाजपा नीत एनडीए का हिस्सा है।

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