जोरा ​​​​​स्थित ट्रेजर आईलैंड के 15 करोड़ टैक्स और पेनाल्टी को घटाकर 2.50 करोड़ करने के मामले ने बड़ा राजनीतिक बवाल मचा दिया

जोरा ​​​​​स्थित ट्रेजर आईलैंड के 15 करोड़ टैक्स और पेनाल्टी को घटाकर 2.50 करोड़ करने के मामले ने बड़ा राजनीतिक बवाल मचा दिया है। मेयर एजाज ढेबर इसे सीधे तौर पर पूर्व निगम कमिश्नर के कार्यकाल में हुई बड़ी गड़बड़ी करार दे रहे हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे इस मामले में सीधे तौर पर ढेबर पर आरोप लगा रहे हैं कि जब टैक्स घटाया गया तब वे ही महापौर थे और अब भी हैं। फिर यह कैसे हो गया? इस मामले में दोनों ही निगम अफसरों पर सवाल उठे रहे हैं कि आखिर किसी बड़े मॉल का टैक्स क्यों और कैसे कम कर दिया गया।

ट्रेजर आईलैंड का मामला तब जोर पकड़ा जब मॉल के बिकने की सुगबुगाहट शुरू हुई। यह मॉल बैंक में बंधक था और पिछले कई वर्षों से निर्माणाधीन अवस्था में ही था। मॉल के बिकने की खबर निगम को मिली तब नगर निगम ने टैक्स वसूली के लिए बैंक और मॉल के प्रबंधन को डिमांड नोट जारी किया। उस वक्त करीब 15 करोड़ रुपए का डिमांड निकाला गया था। इसमें कुछ अवैध निर्माण तथा बकाया टैक्स शामिल था। जोन-3 के पूर्व कमिश्नर ने डिमांड नोट जारी किया था। तब मॉल के बिकने की खबर आई और निगम के टैक्स डिमांड को लेकर नए प्रबंधन ने आपत्ति लगाई।

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