अपने फ्रेंड के साथ हर स्थिति में खड़ा रहे वही असली दोस्त: सैफ अली खान

मुंबई । ऐक्टर सैफ अली को इंडस्ट्री में पैर जमाने के ‎लिये काफी मेहनत करनी पड़ी है। करियर की शुरुआत में उन्हें सफलता से ज्यादा असफलता हाथ लगी, जिसने उन्हें डाउन टू अर्थ रहने के साथ ही लोगों की पहचान करना सिखाया। इसी अनुभव के आधार पर उन्होंने एक इंटरव्यू में फैमली और दोस्तों को लेकर बात की थी। उन्होंने बताया था कि उनके पिता मंसूर अली खान पटौदी एंटरटेनमेंट वर्ल्ड से नहीं जुड़े थे, जबकि उनकी मां शर्मिला टैगोर इससे ऐक्टिवली जुड़ी थीं। बावजूद इसके कभी भी डिनर टेबल पर इन चीजों को लेकर बात नहीं होती थी। सैफ ने कहा कि ये बुद्धिस्ट अप्रोच थी कि आपकी जिंदगी ऐसी चीजों के आसपास न चलें, जो हमेशा के लिए टिकने नहीं वालीं। परिवार के बॉन्ड के लिए आपको ऐसी चीजें चाहिए होती हैं, जो इन सब सतही चीजों से ज्यादा गहरी और मजबूत हों। दोस्तों के लेकर उन्होंने कहा कि जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते ही रहते हैं। इंडस्ट्री में भी ऐसे कई लोग हैं, जो नेगेटिविटी फैलाते हैं और आप पर असर डालता है। ऐसे में आपके ऐसे दोस्त होना चाहिए, जिन्हें आपकी सफलता या असफलता से फर्क नहीं पड़े। खबर है ‎कि सैफ ने बीटाउन में मौजूद अपने दोस्तों से दूरी बनाना शुरू कर दी, क्योंकि वह समझ गए थे कि ये दोस्त सिर्फ तब तक हैं, जब तक वह सफलता की सीढ़ी चढ़ते रहें। सैफ अली खान कहा ‎कि परिवार के मजबूत संबंध की नींव पैसा, जॉब जैसी चीजों के आधार पर नहीं डाली जा सकती। सच तो ये है कि किसी भी रिश्ते को मजबूत करने के लिए विश्वास, सुख-दुख में साथ निभाने का धैर्य व खूबी, सेल्फलेस लव, केयर, जैसी चीजों की जरूरत होती है। ये लोगों को आपस में करीब लाते हैं और इतना स्ट्रॉन्ग बॉन्ड क्रिएट करते हैं कि रिश्ता जिंदगीभर कमजोर नहीं हो पाता। उन्होंने कहा ‎कि “अगर कोई आपसे सिर्फ इसलिए दोस्ती करता है क्योंकि आपके पास पैसा है, पोजिशन है या फिर पावर है, तो वो दोस्ती नहीं आपका फायदा उठाने का अवसर है। फ्रेंडशिप में कभी भी ये दिखावे से भरी चीजें आती ही नहीं है। दोस्तों के दिल के तार तो इमोशन्स, रिस्पेक्ट, केयर और अंडरस्टैंडिंग के आधार पर जुड़ते हैं। असली दोस्त वही होते हैं जो अपने फ्रेंड के साथ हर स्थिति में खड़े रहता है और उसे कभी अकेला फील नहीं होने देता।”

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