15 देशों के राजनयिकों ने लिया जम्मू-कश्मीर की स्थिति का जायजा

श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर समेत 15 देशों के राजनयिक मौजूदा स्थिति का जायजा लेने दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचे।
दिल्ली में रहने वाले ये राजनयिक विशेष विमान से श्रीनगर के तकनीकी हवाई-अड्डे पहुंचे, जहां से उन्हें सीधे सैन्य छावनी ले जाया गया जहां अधिकारियों ने उन्हें जानकारी दी। नवगठित केंद्र शासित प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों ने इन राजनयिकों की अगवानी की।
इस बार न हो हड़ताल का आह्वान किया गया है, न ही दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं तथा सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी समान्य है। जबकि बीते अक्टूबर में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दौरान ऐसा नहीं था। अक्टूबर का दौरा एक गैर सरकारी संगठन द्वारा आयोजित किया गया था।
विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप भी प्रतिनिधिमंडल के साथ हैं। अधिकारियों ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर में रणनीतिक रूप से स्थित सेना की 15वीं कोर को प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल के जे एस ढिल्लन के नेतृत्व में शीर्ष सैन्य अधिकारियों के एक दल ने जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि इस दौरान पाकिस्तान की तरफ से खड़ी की जाने वाली परेशानियों और कश्मीर घाटी में सुरक्षा स्थिति को अस्थिर करने के उनके प्रयासों के बारे में जानकारी दी गई। राजनयिकों ने घाटी की नागरिक संस्थाओं के सदस्यों से मुलाकात की और इस दौरान अमेरिकी राजदूत को रियल कश्मीर फुटबॉल क्लब के मालिक संदीप चट्टू के साथ लंबी चर्चा करते हुए देखा गया।
चट्टू ने अमेरिकी राजदूत को युवाओं को मजबूत बनाने में खेल के महत्व को रेखांकित करते हुए जानकारी दी और इस दौरान अपने क्लब की उपलब्धियों को भी बताया। इन राजनयिकों ने बाद में पूर्व मंत्री अलताफ बुखारी के नेतृत्व में आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल समेत राजनेताओं से भी मुलाकात की।
इस दौरान स्थानीय नेताओं ने उन्हें अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद के हालात और संभावित दिशा के बारे में जानकारी दी। बुखारी ने इस हफ्ते के शुरू में जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल जी सी मुर्मू से मुलाकात की थी और उन्हें एक ज्ञापन भी दिया था जिसमें केंद्र शासित क्षेत्र के लोगों के लिये मूल निवासी के दर्जे की मांग की गई थी।
इन राजनयिकों ने ‘ग्रेटर कश्मीर’ के संपादक फयाज कालू समेत कुछ स्थानीय अखबारों के संपादकों से भी मुलाकात की। राजनयिकों के इस दौरे को लेकर विपक्षी दलों की तरफ से तीखी प्रतिक्रियाएं आयी हैं। कांग्रेस ने सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह विदेशी राजदूतों के लिये निर्देशित दौरा तो करा सकती है लेकिन भारतीय राजनेताओं को वहां जाने की इजाजत नहीं दे रही।

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