कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तान और चीन को एक बार फिर से करारा झटका लगा है। दरअसल, भारत द्वारा अगस्त में अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को रद्द करने के लगभग पांच महीने बाद चीन ने बुधवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर पर फिर से एक अनौपचारिक बंद-दरवाजा परामर्श का आयोजन किया।
यूएनएससी की बैठक में चीन द्वारा पाकिस्तान की मदद करने के लिए कश्मीर का मुद्दा उठाया गया था, लेकिन उसकी यह कोशिश नाकामयाब रही। बैठक के दूसरे सदस्य देशों ने इसे भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा बता दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने इसे भारत के लिए बड़ी कामयाबी बताया है।
इस बैठक का आयोजन एक अफ्रीकी देश से संबंधित मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया था। लेकिन चीन ने कश्मीर मुद्दे पर विचार-विमर्श करने का अनुरोध किया, लेकिन सदस्य देशों ने इसे द्विपक्षीय मुद्दा बताकर चर्चा करने से इनकार कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर यूएनएससी में चर्चा करने की कोई जरूरत नहीं है। इन देशों के मुताबिक कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है। चीन को छोड़कर किसी भी अन्य यूएनएससी सदस्य ने बैठक के समाप्त होने के बाद इस पर टिप्पणी नहीं की।
संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जून ने चेतावनी देते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर तनाव बढ़ सकता है। राजदूत ने उम्मीद जताई कि सुरक्षा परिषद की बैठक दोनों देशों के बीच बातचीत के जरिए समाधान निकालने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
यूएनएससी के सदस्यों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चीन कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक मिशन की समीक्षा चाहता था। लेकिन 15-सदस्यीय परिषद ने कहा कि यह विवाद द्विपक्षीय है और इसे भारत और पाकिस्तान द्वारा हल किया जाना चाहिए।
गौरतलब हो कि संयुक्त राष्ट्र में चीन द्वारा कश्मीर मुद्दे को दूसरी बार उठाया गया है। हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस के नेतृत्व में बाकी सदस्यों ने इस मुद्दे पर चर्चा करने से इनकार कर दिया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अन्य देशों के बीच भारतीय ध्वज फहराने की तस्वीर पोस्ट करते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा कि आज संयुक्त राष्ट्र में हमारा झंडा और ऊंचा लहरा रहा है। जिन्होंने हमारे विरुद्ध झूठ का झंडा लहराने का प्रयास किया उन्हें हमारे दोस्तों से करारा जवाब मिला है।
इस बीच, फ्रांसीसी राजनयिक सूत्रों ने बताया कि कश्मीर मुद्दे पर उनके देश की स्थिति नहीं बदली है और इस मामले को नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच द्विपक्षीय रूप से सुलझाया जाना चाहिए।