महंगे पेट्रोल-डीजल से मिल सकती है राहत, जानें क्या है वजह

पिछले 24 दिनों से भले ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव ना हुआ हो, लेकिन इसके बावजूद आम आदमी इन कीमतों से बुरी तरह से प्रभावित है। मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 91.17 रुपये प्रति लीटर, जबकि डीजल 81.47 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में 10 प्रतिशत की गिरावट आने के बाद अब लोगों को उम्मीद है कि तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करेंगी।

कोरोना के मामलों में तेजी आने के बाद यूरोपियन देशों में कच्चे तेल की मांग में कमी आई है। जिसका असर कीमतों पर भी पड़ा है। मांग घटने से एक बैरल की कीमत 71 डाॅलर से घटकर 64 डाॅलर हो गया है।

पेट्रोल और डीजल की मांग में आई कमी

इस साल जनवरी से अबतक पेट्रोल और डीजल की कीमतें 7.5 रुपये बढ़ी हैं। लगातार बढ़ती कीमतों का असर पेट्रोल और डीजल की मांग पर भी पड़ा है। फरवरी के महीने में पेट्रोल की मांग में 6.5 प्रतिशत और डीजल की मांग 8.5 प्रतिशत की कमी देखी गई। भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें भले ही रोजाना तय हो रही हैं, लेकिन आज भी इनकी कीमतों को लेकर कोई निश्चित अनुमान नहीं लगाया जा सकता।

सरकार की कमाई रिकाॅर्ड स्तर पर

पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स इस समय अपने रिकाॅर्ड स्तर पर है। केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2014-15 में एक्साइज ड्यूटी के जरिए पेट्रोल पर 29,279 करोड़ रुपये और डीजल पर 42,881 करोड़ रुपये की कमाई की थी। वहीं चालू वित्तीय वर्ष (2020-21) के शुरुआती 10 महीनों में पेट्रोल और डीजल पर सरकार ने 2.94 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है। नेचुरल गैस पर साल 2014-15 में सरकार ने 74,158 करोड़ रुपये की कमाई की थी, जबकि अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक सरकार की कमाई 2.95 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है।

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