डायट्री फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, विटमिन बी6, आयरन जैसी खूबियों से भरपूर खजूर वैसे तो सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। खजूर या डेट्स को अगर दूध के साथ मिलाकर खाया जाए तो यह पाचन को मजबूत बनाता है, फाइबर से भरपूर होता है, ब्रेन हेल्थ के लिए भी अच्छा माना जाता है। लेकिन हर चीज को खाने पीने की एक लिमिट होती है। अगर आप एक दिन में 5 से ज्यादा खजूर खा लें तो इससे आपके सेहत को कई तरह से नुकसान भी पहुंच सकता है। आयुर्वेदाचार्य डॉ. ए के मिश्रा भी यही कहते हैं कि ज्यादा खजूर खाने से स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।
बाजार में बिकने वाला खजूर लंबे समय तक खराब न हो इसके लिए उसमें प्रिजर्वेटिव के तौर पर सल्फाइट का इस्तेमाल किया जाता है। सल्फाइट केमिकल कंपाउंड होता है जिससे हानिकारक बैक्टीरिया को दूर रखा जाता है। लेकिन इसी सल्फाइट की वजह से कई लोगों को गंभीर ऐलर्जी हो सकती है। पेट दर्द, गैस, पेट फूलना और डायरिया जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। खजूर फाइबर का बेहतरीन सोर्स है और यही फाइबर शरीर में अगर ज्यादा मात्रा में पहुंच जाए तो कई बार नुकसान भी पहुंचा सकता है।
खजूर में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है। इसके ज्यादा सेवन से शरीर में पोटैशियम का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को हाइपरक्लेमिया कहा जाता है। इससे मितली आना, बेहोशी, मांसपेशियों में कमजोरी-झुनझुनाहट और ऐंठन की समस्या हो जाती है।
खजूर में कैलरी की मात्रा भी अधिक होती है। एक ग्राम खजूर में करीब 2.8 कैलरी होती है, इसलिए इसके ज्यादा सेवन से तेजी से वजन बढ़ता है।
खजूर नैचरली मीठा होता है और अगर इसका अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो इससे न सिर्फ डायबीटीज की दिक्कत हो सकती है बल्कि ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है।
खजूर ऐलर्जी का कारण बनता है और ऐलर्जी अस्थमा को ट्रिगर कर सकती है। इसलिए, अस्थमा के रोगियों को खजूर का सेवन करते समय विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। किसी स्ट्रीट वेंडर से खजूर न खरीदें क्योंकि ये ज्यादा नुकसानदायक होते हैं और ऐलर्जी पैदा कर सकते हैं।
खजूर मोटे ड्राइ फ्रूट्स में एक है, जिसे पचाने के लिए ठीक से चबाने की जरूरत होती है। बच्चों की आंत विकासशील अवस्था में होती है, जिससे खजूर को पचाना मुश्किल हो जाता है और उन्हें पेट की समस्याएं हो सकती हैं।