रायपुर जबलपुर नेशनल हाइवे में हरिनछपरा व बिरकोना के पास किया घंटों चक्काजाम।
कवर्धा। जिले के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों में बारदाना नहीं होने के कारण अधिकांश धान खरीदी केंद्रों में सप्ताह भर से धान खरीदी ठप हो गया है। परेशान किसानों ने रायपुर जबलपुर नेशनल हाइवे में रायपुर रोड में बिरकोना के पास, तो बिलासपुर रोड में हरिनछपरा के पास घंटो चक्काजाम कर आक्रोश जताया। वहीं सूरजपुरा, जुनवानी जंगल, पनेका आदि कई सोसायटी के किसान कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यद्वार को देर रात तक घेरे रखे।
भारतीय किसान संघ के बैनर तले आक्रोशित किसानों ने धान खरीदी में अव्यवस्था के चलते जगह जगह विरोध प्रदर्शन किया। ग्राम हरिनछपरा व बिरकोना के पास जिले भर के किसानों ने ट्रेक्टर, मोटर सायकल आदि वाहनों को बीच सड़क पर रखकर घंटो चक्काजाम कर दिया। जिससे वाहनों की आवाजाही बंद हो गई और सड़क के दोनों ओर छोटी बड़ी वाहनों की कतारें लग गई। धरना दे रहे किसानों ने पर्याप्त मात्रा मेें बारदाना उपलब्ध कराने तथा धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
जिले भर में ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई जिले में कमोबेश बारदाना की यही स्थिति है। जिससे किसान परेशान हैंै। धान खरीदी के लिए बारदाना नहीं मिलने के कारण किसान परेशान हैंै। शासन द्वारा 20 फरवरी तक धान खरीदी की सीमा निर्धारित की गई है। लेकिन कई सोसायटियों में पहले ही 8, 10 दिनों से खरीदी बंद है। अंतिम समय में सप्ताह भर से धान खरीदी नहीं होने से किसान आक्रोशित होकर बुधवार व गुरूवार को दो दिनों से लगातार कलेक्ट्रेट का घेराव कर रहे है। पंक्ति लिखे जाने तक किसानों का धरना कलेक्ट्रेट में जारी है।
देर रात तक कलेक्ट्रेट में डटे रहे किसान
विकासखंड कवर्धा और लोहारा के लगभग दर्जन भर गांवों के किसान देर रात तक कलेक्ट्रेट में डटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि अधिकारी बार बार बारदाना पहुंचाने भिजवाने का झूठा आश्वासन दे रहे है, जिससे उनका विश्वास टूट चुका है। परेशान किसानों ने धान खरीदी में आने वाली परेशानी को शीघ्र दूर करने तथा धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
पनेका में 10, 15 दिनों से खरीदी बंद
भूपेश सरकार किसानों का धान खरीदना ही नहीं चाहती और इधर उधर का बहाना बताकर भोले भाले किसानों को धोखा दे रही हैं। पनेका सोसायटी के किसान दुधेश्वर चंद्राकर ने बताया कि बारदाना नहीं होने के कारण 10, 15 दिनों से धान खरीदी बंद हैं। बारदाना के नाम पर सरकार और उसके अधिकारी लगातार किसानों को धोखा दे रहे हंै। श्री चंद्राकर ने कहा कि धान खरीदी के अंतिम दिन 7000 क्विंटल धान का टोकन कटा हुआ है। लेकिन खरीदी नहीं कर रहे हैं। पहले इसे कंप्यूटर में चढा लें, उसके बाद भले ही बारदाना आने के बाद खरीदें।
भारतीय किसान संघ अलग अलग स्थानों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने रायपुर जबलपुर नेशनल हाइवे सहित बिलासपुर मार्ग में घंटों चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों की समस्या को देखते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा किसानों के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल होकर सरकार के नीतियों का विरोध करते हुए शीघ्र ही बारदाना उपलब्ध कराने की मांग की है।
कलेक्ट्रेट के दोनों प्रवेश द्वार पूरे दिन बंद रहा
धरना देने पहुंचे किसानों में सूरजपुरा, जुनवानी जंगल, पनेका के सैकड़ों किसान देर रात तक डटे हुए हैं, वहीं एक दिन पहले ही बुधवार को मैनपुरी, बम्हनी, जेवड़न, बोड़तरा, नेवारी, समनापुर, चारभाठा लालपुर, रौचन आदि दर्जनो गांवो के किसानों ने धान खरीदी में अव्यवस्था से नाराज होकर दिन भर कलेक्ट्रेट घेरे रहे। अधिकारियों के आश्वासन के बाद करीब 9 बजे वापस हुए थे। लेकिन गुरूवार की रात किसान अब किसी प्रकार के बहकावे में न आकर रात तक कलेक्ट्रेट में डटे हुए है।
कवर्धा। जिले के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों में बारदाना नहीं होने के कारण अधिकांश धान खरीदी केंद्रों में सप्ताह भर से धान खरीदी ठप हो गया है। परेशान किसानों ने रायपुर जबलपुर नेशनल हाइवे में रायपुर रोड में बिरकोना के पास, तो बिलासपुर रोड में हरिनछपरा के पास घंटो चक्काजाम कर आक्रोश जताया। वहीं सूरजपुरा, जुनवानी जंगल, पनेका आदि कई सोसायटी के किसान कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यद्वार को देर रात तक घेरे रखे।
भारतीय किसान संघ के बैनर तले आक्रोशित किसानों ने धान खरीदी में अव्यवस्था के चलते जगह जगह विरोध प्रदर्शन किया। ग्राम हरिनछपरा व बिरकोना के पास जिले भर के किसानों ने ट्रेक्टर, मोटर सायकल आदि वाहनों को बीच सड़क पर रखकर घंटो चक्काजाम कर दिया। जिससे वाहनों की आवाजाही बंद हो गई और सड़क के दोनों ओर छोटी बड़ी वाहनों की कतारें लग गई। धरना दे रहे किसानों ने पर्याप्त मात्रा मेें बारदाना उपलब्ध कराने तथा धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
जिले भर में ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई जिले में कमोबेश बारदाना की यही स्थिति है। जिससे किसान परेशान हैंै। धान खरीदी के लिए बारदाना नहीं मिलने के कारण किसान परेशान हैंै। शासन द्वारा 20 फरवरी तक धान खरीदी की सीमा निर्धारित की गई है। लेकिन कई सोसायटियों में पहले ही 8, 10 दिनों से खरीदी बंद है। अंतिम समय में सप्ताह भर से धान खरीदी नहीं होने से किसान आक्रोशित होकर बुधवार व गुरूवार को दो दिनों से लगातार कलेक्ट्रेट का घेराव कर रहे है। पंक्ति लिखे जाने तक किसानों का धरना कलेक्ट्रेट में जारी है।
देर रात तक कलेक्ट्रेट में डटे रहे किसान
विकासखंड कवर्धा और लोहारा के लगभग दर्जन भर गांवों के किसान देर रात तक कलेक्ट्रेट में डटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि अधिकारी बार बार बारदाना पहुंचाने भिजवाने का झूठा आश्वासन दे रहे है, जिससे उनका विश्वास टूट चुका है। परेशान किसानों ने धान खरीदी में आने वाली परेशानी को शीघ्र दूर करने तथा धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
पनेका में 10, 15 दिनों से खरीदी बंद
भूपेश सरकार किसानों का धान खरीदना ही नहीं चाहती और इधर उधर का बहाना बताकर भोले भाले किसानों को धोखा दे रही हैं। पनेका सोसायटी के किसान दुधेश्वर चंद्राकर ने बताया कि बारदाना नहीं होने के कारण 10, 15 दिनों से धान खरीदी बंद हैं। बारदाना के नाम पर सरकार और उसके अधिकारी लगातार किसानों को धोखा दे रहे हंै। श्री चंद्राकर ने कहा कि धान खरीदी के अंतिम दिन 7000 क्विंटल धान का टोकन कटा हुआ है। लेकिन खरीदी नहीं कर रहे हैं। पहले इसे कंप्यूटर में चढा लें, उसके बाद भले ही बारदाना आने के बाद खरीदें।
भारतीय किसान संघ अलग अलग स्थानों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने रायपुर जबलपुर नेशनल हाइवे सहित बिलासपुर मार्ग में घंटों चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों की समस्या को देखते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा किसानों के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल होकर सरकार के नीतियों का विरोध करते हुए शीघ्र ही बारदाना उपलब्ध कराने की मांग की है।
कलेक्ट्रेट के दोनों प्रवेश द्वार पूरे दिन बंद रहा
धरना देने पहुंचे किसानों में सूरजपुरा, जुनवानी जंगल, पनेका के सैकड़ों किसान देर रात तक डटे हुए हैं, वहीं एक दिन पहले ही बुधवार को मैनपुरी, बम्हनी, जेवड़न, बोड़तरा, नेवारी, समनापुर, चारभाठा लालपुर, रौचन आदि दर्जनो गांवो के किसानों ने धान खरीदी में अव्यवस्था से नाराज होकर दिन भर कलेक्ट्रेट घेरे रहे। अधिकारियों के आश्वासन के बाद करीब 9 बजे वापस हुए थे। लेकिन गुरूवार की रात किसान अब किसी प्रकार के बहकावे में न आकर रात तक कलेक्ट्रेट में डटे हुए है।