भोपाल। एमपीआईडीसी ंं(एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड) में हाल ही में की गई भर्ती विवादों में आ गई है। इसकी वजह है एक उम्मीदवार की नियुक्ति। पहले उसका विकालांग कोटे में चयन किया गया और फिर उसे महिला कोटे में नियुक्त कर दिया गया। इसकी चयन सूची एमपी ऑनलाइन के पोर्टल पर 26 दिसंबर 2018 को जारी हुई थी। इस सूची में जिसका चयन विकलांग कोटे में होना बताया गया था, उसे बाद में 2 जनवरी 2019 में महिला उम्मीदवार बताकर नियुक्ति पत्र दे दिया गया। एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड की भर्ती में हुए इस फर्जीवाड़ा की शिकायत हुई तो संबंधित अफसरों ने यह कहते हुए मामले को रफादफा कर दिया कि यह कंप्यूटर में अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद की गलती भर है। गौरतलब है कि एमपीआईडीसी ने वर्ग-2 सहित अन्य पदों के लिए एमपी ऑनलाइन से परीक्षा कराई थी। यह परीक्षा ऑनलाइन हुई थी। इसका परीणाम साक्षात्कार के बाद जारी किया गया था। वह भी आरोपों के चलते विवादों में रही है। परीक्षार्थीयों का आरोप है कि उन्हें परीक्षा की आंसर शीट तक नहीं दी गईं थी।
क्या है मामला
एमपी ऑनलाइन द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल मनीष त्यागी का आवेदन क्रमांक एफसी0318001693 है। संबंधित उम्मीदवार के परीक्षा में 154 अंक आए थे। उसे पहली चयन सूची में विकलांग कोटे से शामिल किया गया था। इसके बाद जब नियुक्ति पत्र जारी हुआ तो उसका नाम सुश्री मानसी त्यागी कर दिया और अनारक्षित महिला बताकर क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर में नियुक्ति भी दे दी।
यह उठे सवाल
इस मामले में अधिकारियों का तर्क किसी के गले नहीं उतर रहा है। इसकी वजह है संबंधित उम्मीदवार का नाम अंग्रेजी से हिंदी में लिखने की वजह से पुरुष से महिला हो गया था, तो फिर सवाल उठता है कि पहले उसका चयन विकलांग कोटे से हुआ। बाद में उसका चयन महिला अनारक्षित कोटे से कैसे कर दिया। ऐसे में विकलांग कोटे की सीट का क्या हुआ। त्रुटि सुधारकर उसे महिला अनारक्षित सीट से हटाकर फिर विकलांग कोटे से नियुक्ति दे दी, तो फिर महिला अनारक्षित सीट का क्या हुआ। ऐसे कई सवाल इस नियुक्ति प्रक्रिया में उठ रहे हैं। सवाल यह भी है कि यह नियुक्ति प्रक्रिया सिर्फ 16 पदों के लिए थी। सिर्फ 16 उम्मीदवारों की नियुक्ति में इतनी बड़ी गलती होने से भी सवाल उठ रहे हैं।
मेडिकल में बताया गया फिट
संबंधित उम्मीदवार पर यह भी आरोप हैं कि वह विकलांग नहीं है। उसका 11 जनवरी 2019 को जिला मेडिकल बोर्ड मुरैना द्वारा मेडिकल सर्टिफिकेट जारी हुआ है, जिसमें वह पूरी तरह से फिट है, तो फिर बिना जांच किए उसे नियुक्ति कैसे दे दी।
एसएस/24फरवरी/ईएमएस