एक तरफ सभी अस्पताल के ओपीडी बंद तो पुलिस विभाग के पास कहाँ से बच रहा समय…?
बिलासपुर। कोविड-19 यहां बड़ी संख्या में आम आदमी के लिए आफत का वायरस बन गया है वही कुछ कुटील लोग इस मौके का लाभ उठाकर अपनी पुरानी शिकायतों का निराकरण कराने में जुटे हैं इसमें दो मामले विशेष हैं इनमें से एक मामला व्यक्तिगत है और दूसरा मामला नगर निगम के 18 अभियंताओं के बेदाग निकलने का है। व्यक्तिगत मामला ज्यादा सनसनीखेज है महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी के विरुद्ध रेडी टू ईट चलाने वाली बिनौरी गांव थाना पचपेड़ी कि एक महिला ने 24/9/ 2018 को आजाक थाने में लिखित शिकायत दी जिसमें उसने कहा है कि जांच के नाम पर अधिकारी कार्यालय बुलाकर छेडख़ानी करता है लगभग 18 महीने से जांच चल रही है इस बीच में विधानसभा, लोकसभा चुनाव भी आए एक बार जिला कार्यक्रम अधिकारी का तबादला भी हुआ फिर दोबारा उसी विभाग में आ गए और जांच कछुआ गति से चलती रही और पिछले 15 दिन में जांच को गुपचुप तरीके से दाखिले दफ्तर करने का इंतजाम हो रहा है जब मीडिया कर्मी खबरों पर केवल कोरोना अस्पताल और अन्य बातों पर नजर रखे हैं तब ऐसे जांच वाले मामले सलटाये जा रहे हैं जबकि कुछ दिन पूर्व तक इन पर जांच ही नहीं हो रही थी।एक तरफ पूरा पुलिस और स्वास्थ्य अमला कोरोना से लडऩे की बात कह रहे है शासकीय अस्पतालों में ओपीडी बंद कर दी गई है तो फिर पुलिस विभाग के पास इतना समय कहा से निकल जा रहा है की पुराने मामलो पर अभी महामारी के दौरान फाइंडिंग कर मामलो को दाखिले दफ्तर कर रही है?
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