आर्थिक मंदी का होगा साल: रिजर्व बैंक

नई दिल्ली। कोरोना काल में इकोनॉमी संकट में फंस गई है। राहत पैकेेज के ऐलान के दावे के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह साल आर्थिक मंदी का होगा और इससे उबरना अंधेरे में उजाले की तरफ देखने जैसा होगा। दास ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर 1.9 फीसदी रहेगी। अर्थव्यवस्था को को संकट से उबारने के लिए रिजर्व बैंक ने आज फिर कई बड़े ऐलान किए। केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रीपो रेट को 4 फीसदी से घटाकर 3.75 फीसदी कर दिया गया और रीपो रेट को बरकरार रखा गया है। टार्गेटेड लांग टर्म रीपो ऑपरेशन के तहत आरबीआई ने उद्योगों को 50 हजार करोड़ रुपए की मदद का ऐलान किया। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों पर नजर रखे हुए है।

27 मार्च के बाद बिगड़ी अर्थव्यवस्था

दास ने कहा, 27 मार्च को जब वह पहला बूस्टर लेकर आए थे, तब से मैक्रोइकॉनमिक कंडिशन बिगड़ती जा रही है। ग्लोबल इकोनॉमी सबसे बुरी मंदी देख सकती है। ग्लोबल जीडीपी में 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है जो जापान और जर्मनी की जीडीपी के बराबर हो सकता है। भारत जी20 इकॉनमीज में सबसे ज्यादा ग्रोथ वाला देश हो सकता है जैसा कि ढ्ढरूस्न ने कहा है। गवर्नर ने कहा, हम पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर नजर रख रहे हैं। भारत के हालात दूसरों से बेहतर हैं। वैश्विक मंदी के अनुमान के बीच भारत की विकास दर अब भी पॉजिटिव रहने का अनुमान है और यह 1.9 प्रतिशत रहेगी।

बैंकों के लिए बड़ा ऐलान

कोविड-19 के कारण इन इंस्टीट्यूशन्स को सेक्टोरल क्रेडिट की कमी का सामना करना पड़ रहा है। रीफाइनैंसिंग के लिए इनके लिए 50 हजार करोड़ रुपये की मद दी जा रही है। इसमें 25 हजार करोड़ नाबार्ड के लिए, सिडबी के लिए 15 हजार करोड़ और 10 हजार करोड़ एनएचबी के लिए होगा। इस अमाउंट के बारे में फऐसला इनसे चर्चा के बाद लिया गया है। इसमें बाद में बदलाव किया जा सकता है।

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *