देश में कोरोना के भय से 48 फीसदी लोगों ने पहने मास्क, 20 फीसदी ने छोड़ा मासांहार

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पूरा देश लॉकडाउन के साए में है। लॉकडाउन के पहले 21 दिनों में आम लोगों जीवन पर असर डाला। उनकी जीवनशैली बदल गई। हर किसी के जुबान पर कोरोना का नाम आ गया। चेहरे पर मास्क और जेब में सैनिटाइजर पहुंच गया। इस वायरस से बचाव के लिए लोगों ने कई तरीके अपनाए। इसमें गौ मूत्र सेवन भी शामिल है।

सफदरजंग अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन और सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन यूनानी मेडिसिन ने मिलकर सर्वे किया। अस्पताल के कम्यूनिटी मेडिसिन के एचओडी डॉक्टर जुगल किशोर ने बताया, ‘हमने लॉकडाउन के 21 दिन के दौरान सर्वे किया। इसमें 304 लोगों ने हिस्सा लिया। सर्वे के दौरान लोगों ने कबूल किया कि उन्हें इस वायरस के बारे में पता है। इसे कैसे रोका जा सकता है और संक्रमण कैसे फैलता है, सब पता है।’ डॉक्टर ने बताया कि जब संक्रमण रोकने के उपायों पर अमल की बात हुई तो औसतन आधे लोग ऐसा नहीं कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वायरस से बचाव के लिए लोगों ने तरह-तरह के नुस्खे अपनाए और गौ मूत्र का सेवन भी किया। मास्कइंडिया से मुहिम में आप भी एक रक्षक बनें, जागरूकता फैलाने में मदद करें, कोरोनावायरस से लड़ने में अपनी भूमिका निभाएं। अपना मास्क बनाएं और उसके साथ अपनी सेल्फी अपलोड करें। सर्वश्रेष्ठ पोस्ट को हैंशमास्कइंडिया पर शेयर किया जाएगा।

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