रायपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरूआत और इसके प्रसार के दौरान से ही छत्तीसगढ़ उन राज्यों में शामिल रहा जहां खतरा पहले पनपा। यहां मरीज भी सामने आए और फिर उनके आने का लगातार सिलसिला शुरू हुआ। एक दौर ऐसा भी आया जब एक क्षेत्र विशेष में सामुदायिक संक्रमण का खतरा भी दिखा लेकिन छत्तीसगढ़ ने मल्टी डायमेंसनल कंट्रोल की प्रक्रिया अपना कर इस पर अब तक नियंत्रण बनाए रखा है।
छत्तीसगढ़ में संक्रमितों की बड़ी अनुपातिक संख्या के मुकाबले में उनके स्वस्थ्य होने की दर देश में सबसे बेहतर है। यही वह बात है जो छत्तीसगढ़ को कोरोना के खिलाफ जंग में रोल मॉडल बनाती है। आइए जानें कैसा सिस्टम अपनाया है छत्तीसगढ़ ने इस ऐतिहासिक प्राकृतिक प्रकोप से लड़ने के लिए।
कोरोना के खिलाफ जंग में छत्तीसगढ़ की स्थिति पर यदि गौर करें तो यहां अब तक संक्रमण के 37 मामले सामने आए हैं। इनमें से 32 से अधिक ठीक हो कर घर लौट चुके हैं। 18 मार्च को कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। यह संक्रमण यहां विदेश से आया। दरअसल लंदन से रायपुर लौटी एक युवती कोरोना संक्रमित पाई गई। इसके बाद पूरे देश में 22 अप्रैल को जनता कर्फ्यू और फिर 24 अप्रैल से लॉक डाउन लागू हो गया। इसके बाद कुछ और विदेश से आए लोगों में संक्रमण की पुष्टि राज्य के अलग.अलग पांच शहरों मे हुई ।
राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क हो गई और पूरी तत्परता के साथ इसके नियंत्रण और रोकथाम के लिए सभी पहलुओं को देखते हुए रणनीति बनाई गई और इसे त्वरित रूप से लागू भी किया गया। इस दौरान राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच बीमारी नियंत्रण को लेकर अच्छा तालमेल भी नजर आया। इसके बाद केंद्र सरकार ने भी कोरोना के खिलाफ जंग में बेहतर काम करने पर राज्य की सराहना कर की।
बीमारी के हालात में जब दहशत का माहौल बनने लगा उस दौरान रायपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स की टीम ने उपचार का मोर्चा संभाला। विशेषज्ञों सहित पूरी टीम ने मिलकर इसे चैलेंज के रूप में स्वीकार किया और अपना उपचार मॉड्यूल विकसित किया। इसी के साथ राज्य के अन्य शासकीय अस्पतालों में भी राज्य सरकार के त्वरित प्रयास से तत्काल उपचार की सभी सुविधाएं और अधोसंरचना स्थापित कर ली।
इसका परिणाम यह रहा कि राज्य के तीन प्रमुख शासकीय अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीज बेहतर उपचार के बाद ठीक होकर घर गए। एम्स की टीम द्वारा विकसित मॉड्यूल चर्चा में आया और संक्रमण से जूझ रहे विश्व के कई देशों के डॉक्टरों ने यहां की टीम से टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मॉड्यूल पर चर्चा की। बताया जाता है कि राज्य में कोरोना से अब तक एक भी मौत नहीं हुई है और मरीजों की रिकवरी की दर भी बेहद अच्छी रही है।
राज्य सरकार ने समय पर हर जरूरी कदम उठाए। इसमें मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के साथ सरकार की एक अलग टीम दिन रात काम कर रही है। सीएम हाउस से लेकर नए सर्किट हाउस तक वार रूम बनाए गए हैं।