मेलबर्न । ऑस्ट्रेलिया में बड़े साइबर हमले को अंजाम दिया गया है। इस हमले में सरकारी और निजी क्षेत्रों को निशाना बनाया गया है। यह हमला किसी संगठित गिरोह ने किया है या इसके पीछे किसी देश का हाथ है, इस बात का पता लगाया जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भी कहा है कि ऑस्ट्रेलियाई निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों को लक्षित कर किसी विदेशी संस्था ने यह जटिल साइबर हमला किया है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि यह जटिल है। जिस तरह से यह साइबर हमला किया गया है, उसकी प्रकृति और निशाना बनाए गए संस्थानों और बड़े पैमाने पर इसके असर से यह बात साफ है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार इन साइबर हमलों के खतरे के प्रति सजग और सतर्क है। पीएम मॉरिसन ने कहा कि यह नया जोखिम नहीं हैं, लेकिन विशिष्ट है, इसकी गतिविधियां लक्षित हैं। इसलिए ऑस्ट्रेलियाई संगठनों को जरूरी सलाह दी गई है ताकि वह अपनी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठा सकें। उन्होंने कहा कि अब तक की गई जांच में बड़े पैमाने पर व्यक्तिगत डाटा चोरी होने का खुलासा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी हम यह नहीं कह सकते कि इसे पीछे किस देश का हाथ है। साइबर हमले के पीछे चीन का हाथ होने के सवाल पर पीएम मॉरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार इस मामले में को सार्वजनिक आरोप नहीं लगा रही है।