मुंबई,महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार के शपथ लेने के बाद भी
मंत्रियों के विभागों के बंटवारे का मामला सुलझता नहीं दिख रहा है।
मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर एनसीपी और कांग्रेस में अब ठन गई है। एनसीपी
और शिवसेना अपने कोटे से एक भी मंत्री पद कांग्रेस से अदला-बदली करने के
लिए तैयार नहीं है। एनसीपी और कांग्रेस नेताओं के बीच जारी विवाद के कारण
दोनों दलों के नेता बैठक बीच में ही छोड़कर चलते बने। दोनों पार्टियों के
आपसी विवाद के कारण मंत्रियों के विभागों का बंटवारा अंतिम मुकाम तक नहीं
पहुंच सका।
गुरुवार की देर रात विभागों के बंटवारे को लेकर शिवसेना नेता सुभाष देसाई
के सरकारी निवास पर शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई
थी। बैठक में अशोक चव्हाण ने ग्रामीण विकास, सहकारिता और कृषि विभाग में
में से कोई एक विभाग कांग्रेस को देने की मांग रखी। चव्हाण ने शिवसेना और
एनसीपी के साथ विभागों के अदला-बदली पर भी सहमति दिखाई।
अजित पवार और चव्हाण में तीखी बहस
चव्हाण की मांग पर अजित पवार ने कहा कि कांग्रेस में किससे बात करें, कोई
नेता ही नहीं है। इस पर अशोक चव्हाण नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि वह
प्रदेश अध्यक्ष थे और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भी रहे हैं। ऐसे में उनकी
बात को कैसे नकारा जा सकता है। इस पर पवार ने कहा कि विभाग बंटवारे की
पिछली बैठक में पृथ्वीराज चव्हाण थे, उन्होंने तो कुछ नहीं कहा, अब अशोक
चव्हाण नई मांग कर रहे हैं। आखिर ऐसे कैसे चलेगा? यह बोलते हुए अजित पवार
बेहद ही आक्रामक हो गए। इस पर अशोक चव्हाण ने नाराजगी व्यक्त की।
इसके बाद दोनों नेताओं के बीच काफी बहस हुई। इस पर अजीत पवार बड़बड़ाते हुए बैठक से बाहर निकल गए। उनके पीछे-पीछे एनसीपी के नेता भी चल दिए। अशोक चव्हाण भी निकलने लगे। इससे विभागों के बंटवारे का हल नहीं निकल सका। मामले के तूल पकड़ने पर अजित पवार ने शुक्रवार को सफाई दी कि उनमें और अशोक चव्हाण में कोई अनबन नहीं हुई। विभाग बंटवारे का मामला करीब 95 प्रतिशत हल कर लिया गया है। थोड़ा बहुत रह गया है, उसे भी जल्द ही हल कर लिया जाएगा।
कांग्रेस कर रही ग्रामीण से जुड़े विभाग की मांग
कांग्रेस का कहना है कि उनके ज्यादातर विधायक ग्रामीण क्षेत्रों से चुनकर
आए हैं, इसलिए उन्हें ग्रामीणों के कल्याण से जुड़ा कोई मंत्रालय मिलना
चाहिए। कांग्रेस की मांग है कि ग्रामीण विकास, सहकारिता और कृषि में से कोई
एक विभाग मिले। अब इसमें ग्रामीण विकास और सहकारिता विभाग एनसीपी के पास
हैं, जबकि कृषि विभाग शिवसेना के पास है।
अब कांग्रेस को एनसीपी और शिवसेना अपना विभाग देने के लिए तैयार नहीं है। इसके चलते ही मंत्रियों में विभागों का बंटवारा तय नहीं हो पा रहा है। गुरुवार की देर रात को हुई बैठक के बाद शुक्रवार की सुबह ही अशोक चव्हाण अपने गृह जिले नांदेड निकल गए। इससे शुक्रवार को विभाग बंटवारे से संबंधित बातचीत नहीं हो सकी।