मध्य प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इनमें सर्वाधिक 16 सीटें ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर-चंबल संभाग में हैं। इन सभी सीटों पर अनसूचित जाति (अजा) का बड़ा वोट बैंक है और अंबाह, गोहद, करैरा, भांडेर और अशोक नगर विधानसभा सीटें तों अनसूचित जाति के लिए ही आरक्षित हैं। इस वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस नई रणनीति पर काम कर रही है। कांग्रेस सिंधिया के प्रभाव वाले पूरे क्षेत्र में उन्हें गद्दार बताने के बाद अब उन पर अनुसूचित जाति विरोधी होने का आरोप लगा रही है।
कांग्रेस का आरोप- अजा विधायकों से पार्टी छुड़वाई पर मंत्री पद दिलवाने के नहीं किए प्रयास
कांग्रेस का कहना है कि सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल होने वाले इस क्षेत्र के नेताओं में छह विधायक अनसूचित जाति वर्ग के थे, लेकिन मंत्री बनीं केवल इमरती देवी, वे भी पूर्व मंत्री रह चुकी हैं यानी अनसूचित जाति वर्ग के किसी नए नेता को मंत्री पद नहीं मिला।
इसके साथ ही अनसूचित जाति वर्ग के पीड़ितों की सिंधिया द्वारा उपेक्षा को सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से भी प्रचारित किया जा रहा है। सत्ता से दूर होने के बाद उपचुनाव के सहारे सरकार बनाने का दावा कर रही कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया को निशाना बनाकर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सक्रिय हो रही है। पहले उसने सिंधिया पर गद्दार होने का आरोप लगाते हुए इस बात को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की, लेकिन ग्वालियर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उसकी हवा निकाल दी। उन्होंने मोतीलाल नेहरू से लेकर पी. चिदंबरम तक दर्जनों कांग्रेस नेताओं के नाम गिनाकर पूछ लिया कि इन लोगों ने भी कांग्रेस छोड़ी थी तो क्या ये भी गद्दार थे। भाजपा के इस पलटवार पर कांग्रेस कोई जवाब नहीं दे पाई।
गद्दार’ शब्द पर घिरने के बाद कांग्रेस ने अब सिंधिया को अनुसूचित जाति विरोधी बताने का दांव चला है। कभी सिंधिया समर्थक रहे प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत कहते हैं कि सिंधिया के साथ इस अंचल के अनुसूचित जाति वर्ग के छह विधायकों ने पार्टी छोड़ी थी। इनमें से पांच कमलेश जाटव, रणवीर जाटव, जसमंत जाटव, रक्षा सिरोनिया और जजपाल सिंह जज्जी को मंत्री बनाने के लिए सिंधिया ने कोशिश नहीं की। इमरती देवी तो कमल नाथ सरकार में मंत्री थीं और उनका दावा तो पहले से ही था।
रावत ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अनुसूचित जाति विरोधी है और सिंधिया ने उसके मुख्यालय नागपुर जाकर उनकी नीतियों को अपना लिया। कांग्रेस नेता यह भी आरोप लगा रहे हैं कि महल यानी सिंधिया के ग्वालियर स्थित निवास में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों की पहुंच तक नहीं है।
अजा के जनप्रतिनिधि के कार्यक्रम स्थल को सिंधिया ने गंगाजल से धुलवाया था
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि अशोक नगर में अनुसूचित जाति वर्ग के एक जनप्रतिनिधि ने कॉलेज का उद्घाटन कर दिया था तो उसे गंगाजल से धुलवाकर सिंधिया फिर कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसी तरह गुना में हाल ही में एक अजा परिवार के साथ प्रशासन द्वारा बेदखली की कार्रवाई के तहत फसल नष्ट कर दी गई और आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया तो सिंधिया ने परिवार को सहायता के कई आश्वासन दिए लेकिन आज भी उस परिवार को मदद का इंतजार है। यह अनुसूचित जाति विरोधी नजरिया है।