मंत्रियों के OSD की छुट्टी के बाद IAS की चिट्ठी वायरल होने से मचा हड़कंप

भोपाल. हनीट्रैप केस (Honeytrap case) में फंसे आईएएस अधिकारी पीसी मीणा (IAS officer PC Meena) की एक चिट्ठी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. इसमें उन्‍होंने मुख्य सचिव से मिलने का वक्त मांगा है. खास बात ये है कि चिट्ठी में मीणा की ओर से खुद की जान को खतरा बताया है. साथ ही ये भी लिखा है कि उनका परिवार मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहा है.
पीसी मीणा की ओर से चिट्ठी में लिखा गया है कि उनके खिलाफ एक षड्यंत्र रचा गया है. 6 महीने पहले एक वायरल वीडियो से मेरी व्यक्तिगत छवि बिगाड़ने की कोशिश की गई. इस बारे में मेरी ओर से वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत सूचित किया गया था. अपने पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए मैं अभी तक इस मामले में चुप था लेकिन हनीट्रैप की जांच के लिए गठित एसआईटी की ओर से कोर्ट में पेश चालान में जो बातें लिखी गई हैं वो भ्रामक हैं और इस मामले में वो पूरी जानकारी मुख्य सचिव को देना चाहते हैं.
हालांकि न्यूज़ 18 सोशल मीडिया में वायरल आईएएस अधिकारी की इस चिट्ठी की पुष्टि नहीं करता. न्यूज़ 18 ने जब इस बारे में पीसी मीणा से संपर्क की कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हो सका.

मीणा के वीडियो से ही हुआ था हनीट्रैप का खुलासा
पीसी मीणा वही आईएएस अधिकारी हैं जिनका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद सबसे पहले हनीट्रैप केस का खुलासा हुआ था. इस वीडियो में मीणा एक महिला के साथ होटल में आपत्तिजनक हालत में दिखे थे. बाद में जब हनीट्रैप केस की जांच आगे बढ़ी तो फिर इसके तार फैलते चले गए. हनीट्रैप केस में कुछ और अधिकारियों के भी शामिल होने और उनसे पैसों के लेनदेन का खुलासा हुआ. हनीट्रैप केस में पत्रकारों के शामिल होने की बातें भी चार्जशीट में सामने आई है.
हनीट्रैप में हो चुकी है मंत्रियों के दो OSD की छुट्टी
इससे पहले हनीट्रैप केस की चार्जशीट में दो मंत्रियों के ओएसडी के नाम सामने आने के बाद उनकी छुट्टी की जा चुकी है. हनीट्रैप केस फंसे खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और खनिज मंत्री प्रदी जायसवाल के ओएसडी हरीश खरे और अरुण निगम को मंत्रियों की पदस्थापना से हटाया जा चुका है. हरीश खरे को महिला एवं बाल विकास विभाग में उपसंचालक के मूल पद पर वापस भेज दिया गया है और उनकी जगह राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी चंद्रभूषण को मंत्री का ओएसडी बनाया गया है. जबकि अरुण निगम को अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में भेजा गया है.

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