आज की भागमभाग दौड़ के कारण, अनियमित दिनचर्या, नियमित भोजन न करना और अनियमित कार्यों को करने के कारण तनाव की बहुतायत होने से अनिद्रा का होना प्रमुख कारण हैं। भगवान ने सबको २४ घंटे दिए हैं और दिन और रात की प्रकृति भी निश्चित हैं। आज के मानव प्रकृति को अपने अनुरूप बनाने का प्रयास कर रहे हैं। निद्रा हमारे जीवन का मुख्य अंग हैं। और सबसे ज्यादा ऊर्जा हमारी आखो से नष्ट होती हैं। जिसके लिए आराम और निद्रा आवश्यक हैं।
मानव शरीर त्रि स्तम्भ पर आधारित हैं —भोजन, निद्रा और ब्रह्मचर्य। वर्तमान में अनिद्रा रोग बहुत प्रचलन में हैं। जिसके लिए मानव बहुत अधिक परेशान हैं और इस रोग से लड़ने के लिए बहुत अधिक तनाव में हैं जिसके लिए वह अनेक औषधियां लेता हैं।
अगर सोना आपके लिए जरुरी काम बन जाए तो समझिए कुछ गड़बड़ी है। अनिद्रा आम कामकाजी भारतीयों की शिकायत बनती जा रही है। अनिद्रा कोई बीमारी नहीं बल्कि खराब जीवनशैली से उत्पन्न हुई नींद संबंधी समस्या है। अनिद्रा अगर लंबे समय तक रहे तो यह गंभीर बीमारी का रुप ले सकती है।
डॉक्टर कहते हैं कि बेहतर स्वास्थ्य और जिंदगी के लिए एक आम इंसान को 7 से 8 घंटे अवश्य सोना चाहिए। लेकिन नौकर-काम धंधे का दबाव, व्यस्त दिनचर्या और आगे भागने की होड़ में हम नींद को ही भूल जाते हैं। बाद में जब नींद काफी सताने लगती है तो हम स्लीपिंग पिल्स लेने लगते हैं। लेकिन स्लीपिंग पिल्स लेने से बेहतर है कि हम कुछ ऐसे आसान घरेलू इलाज करें जिससे शरीर की थकावट दूर हो और हमें बेहतर नींद मिल सके।
अनिद्रा को भगाने के घरेलू इलाज
हरी साग और सब्जी ज्यादा मात्रा में खाएं
हरी साग और सब्जी शरीर के लिए ही नहीं नींद के लिए भी जरुरी है। खासकर जिन सागों के पत्ते बड़े हों और उसमें लिसलिसापन हो तो यह नींद आने में काफी मदद करता है। पालक के साग नियमित रुप से खाएं, इससे बेहतर नींद आएगी।
मैग्नीशियम और कैल्शियम
मैग्नीशियम और कैल्शियम दोनों को ही नींद बढ़ाने वाली केमिकल कही जाती है। जब यह दोनों साथ में ली जाए तो और असरदार होती है। मैग्नीशियम खाने से दिल की बीमारी का खतरा भी कम हो जाता है। रात में २०० मिलीग्राम मैग्नीशियम(ज्यादा मात्रा न लें, डायरिया हो सकता है) और ६०० मिलीग्राम कैल्शियम निश्चित रुप से खाएं, बेहतर नींद आएगी।
जंगली सलाद पत्ता या काहू
अगर आपको टेशन, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द की शिकायत रहती होगी तो आप जंगली सलाद पत्ता को जरुर जानते होंगें। यह शरीर की थकावट, डिप्रेशन और अनिद्रा में भी काफी असरदार होती है। सोने से पहले इसे पैरों में ३० से १२० मिली ग्राम लगा लें, थकावट गायब हो जाएगी और चैन की नींद आ जाएगी।
हॉप्स
यह एक प्रकार का जंगली पौधा है जिसके फल का उपयोग शराब (बीयर) बनाने के काम में आता है। अनिद्रा टेंशन और डिप्रेशन के मरीजों को इसके फल का रस पिलाई जाती है ताकि उन्हें आराम की नींद आ सके।यह भारत में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में उगाया जाता हैं
एरोमाथेरेपी
सुगंध का मस्तिष्क से गहरा संबध है। बहुत सारे लोग अपने बेड पर तकिए के नीचे चमेली के फूल रख कर सोते हैं। कई लोग अपने बालकनी में रजनीगंधा या इसी तरह के सुगंधित फूलों के पौधे लगा कर रखते हैं ताकि इसके सुगंध से रात में बेहतर नींद आ सके। लेवेंडर के फूल भी काफी असरदार होते हैं अनिंद्रा के मरीजों के लिए। तकिए के नीचे इसके फूल रख देने से सुगंध पूरे कमरे में फैल जाती है और नींद बेहतर आती है।
योग और ध्यान
योग और ध्यान को नियमित अभ्यास में लाएं। योग में ज्यादा कठिन आसन नहीं करने हैं, साधारण आसन जिससे मन को शांति मिले वही करें। बेड पर जाने, पहले 5 से 10 मिनट ध्यान करें। ध्यान के दौरान कहीं भटके नहीं और मन को सिर्फ अपनी सांस पर एकाग्र करें। रात में बेहतर नींद आएगी।
एल- थियानीन
ग्रीन टी में एल –थियानिन नामक एमीनो एसिड पाई जाती है। इसे दिन में पीने से चुस्ती और ताजगी छाई रहती है मन में और रात में पीने से गहरी नींद आती है।
सर्पगंधा, अश्वगंधा, मुलेठी, ब्राह्मी का भी चूर्ण लाभदायक होता हैं।
इसके अलावा कोई कोई रात्रि में सोने के पहले स्नान करके सोते हैं। रात्रि में सोने के पहले हाथ पाँव मुँह सिर को सादे पानी से धोकर सोना चाहिए। कोई कोई दूध में हल्दी मिलाकर पीते हैं। सोने के पहले दिन भर का चिंतन कर जो गलती हुई हैं उन्हें भूले। कुछ समय ईश्वर का स्मरण करना चाहिए और तनाव रहित होकर सोना चाहिए। तथा नियमित दिनचर्या का पालन करे।
कुछ लोगों की अनियमितता का कारण उनकी नौकरी या पाली वाली नौकरी होती हैं। उसके लिए जरुरी हैं निद्रा पूरी करना अन्यथा इसके कारण मानसिक रोग होने की संभावना होती हैं। भोजन जैसे निद्रा की नियमितता आवश्यक हैं।