कोलकाता, बंगाल में एक सिख सुरक्षाकर्मी की पिटाई का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. बीजेपी नेता की सुरक्षा में तैनात एक सिख सुरक्षाकर्मी बलविंदर सिंह की पुलिस द्वारा पिटाई के दौरान उनकी पगड़ी गिर गई थी. जिसको लेकर पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह समेत कई सिख नेता सीएम ममता बनर्जी के सामने अपना विरोध जता चुके हैं. अब बलविंदर सिंह की पत्नी करमजीत कौर ने आजतक से बात करते हुए प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने की इच्छा जाहिर की है. उन्होंने कहा कि ममता दीदी हमें भी आप अपनी ममता दिखाइए और हमें इंसाफ दिलाइए.
इससे पहले बलविंदर सिंह के परिवार ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की थी. जिसके बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नसीहत देते हुए अपनी गलती ठीक करने को कहा. धनखड़ ने कहा कि घटना को उचित ठहराने के बजाए घावों पर मरहम लगाने का वक्त है.
राज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘मनजिंदर सिंह सिरसा के प्रतिनिधिमंडल के साथ बलविंदर सिंह की पत्नी करमजीत कौर और बेटे हर्षवीर ने मुझसे मुलाकात की. इंसाफ की गुहार लगा रही उनकी पत्नी और बेटे का सामना करना मेरे लिए मुश्किल क्षण था. मैं ममता बनर्जी से जोर देकर अपील करता हूं कि जो अन्याय हुआ है उसे ठीक करें.’
एक अन्य ट्वीट में धनखड़ ने कहा कि मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दों पर राज्य को अपराधियों के बजाए पीड़ित के साथ होना चाहिए. राज्य सरकार ने पहले कहा था कि एक राजनीतिक संगठन (बीजेपी) इसे जानबूझकर धार्मिक रंग दे रहा है. सरकार ने कहा है कि पुलिस के साथ झड़प में पगड़ी गिर गई थी. जाहिर है बंगाल के राज्यपाल का पदभार संभालने के बाद से ही धनखड़ और बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच विवाद रहा है.
इससे पहले अकाली दल नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कोलकाता पुलिस के खिलाफ हावड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और सिख युवक बलविंदर सिंह के साथ कथित तौर पर गलत व्यवहार करने वाले कोलकाता पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी.
मनजिंदर सिंह सिरसा ने आईपीसी की धारा 295 ए के तहत आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.
आईपीसी की धारा 295 ए भारत के नागरिकों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से जुड़ी है.
बता दें कि आठ अक्टूबर को बीजेपी के सचिवालय तक मार्च के दौरान पुलिस के साथ सिख व्यक्ति की झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों का कहना था कि झड़प के दौरान सिख व्यक्ति की पगड़ी उतारी गई है. इस व्यक्ति की पहचान 43 वर्षीय बलविंदर सिंह के तौर पर हुई है, जो पंजाब के बंठिडा के रहने वाले हैं.
हालांकि इस बारे में पश्चिम बंगाल पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि वहां मौजूद पुलिसकर्मी ने पगड़ी को नहीं खींचा था और हंगामे के बीच पगड़ी खुद गिर गई थी. इस मामले में बीजेपी और सिख संगठनों ने सीएम ममता बनर्जी पर सिखों के अपमान का आरोप लगाया है.
कोलकाता पुलिस का दावा है कि जिससे उनकी झड़प हुई उसके पास हथियार था, और प्रदर्शन के दौरान वो उसे लेकर चल रहा था, उस हथियार को जब्त करने के दौरान खींचतान की नौबत आई और पगड़ी नीचे गिर गई.