पाक क्रिकेटर दानिश कनेरिया मोबाइल से कर रहे भारतीय मंदिरों में पूजा

नोएडा. पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया मोबाइल के माध्यम से भारतीय मंदिरों में पूजा अर्चना कर रहे हैं। भारत में उनके आध्यात्मिक गुरु सर्वभूत शरणम के अनुसार उन्हें बातचीत के बाद पूजा-अर्चना की विधि भी बता दी जाती है, ताकि वह विधि-विधान से पूजा कर सकें। हाल ही में पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर द्वारा दानिश के साथ पाकिस्तानी क्रिकेटरों द्वारा किए भेदभाव पर बयान के बाद विवाद बढ़ गया था। विश्व क्रिकेट में इस पर खूब चर्चा भी हो रही है।

दतिया के पीतांबरा देवी मंदिर में हुई पूजा :
शरणम ने बताया कि दानिश से पूजा-अर्चना को लेकर बातचीत नियमित रूप से हो रही है। रविवार को भी उनसे वीडियो कॉल पर बातचीत हुई। उनके नाम से मध्य प्रदेश के दतिया स्थित पीतांबरा देवी मंदिर में भी पूजा हुई है। साल में कम से कम दो बार उनके नाम से बड़े स्तर पर पूजा हो जाती है।

गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित अंबाजी मंदिर में भी वह पूजा करते हैं। मोबाइल के माध्यम से वह पूजा के दौरान संकल्प लेते हैं। रविवार को भी उन्हें पूजा से संबंधित पहलुओं के बारे में बताया गया। 16 दिसंबर, 1980 में कराची में जन्मे कनेरिया के पूर्वज करीब 100 पहले गुजरात में रहते थे। लिहाजा, वे मां अंबा को कुल देवी के रूप में पूजा करते हैं।

2016 में भारतीय मंदिरों में किए थे दर्शन :
दानिश 2016 के जून महीने में भी भारत आए थे। सेक्टर-82 में गुरु सर्वभूत शरणम के आवास पर उन्होंने पूजा अर्चना की थी। इस यात्रा के दौरान उन्होंने त्र्यम्बकेश्वर मंदिर, सिद्धि विनायक मंदिर, शिरडी साईं बाबा मंदिर, दतिया स्थित पीतांबरा देवी आदि के मंदिरों में मत्था टेक कर मन्नत मांगी थी। उनकी पत्नी धर्मिता कनेरिया और मां बबिता कनेरिया भी साथ आए थे।

पाकिस्तान से खेलने वाले दूसरे हिंदू क्रिकेटर :
दानिश कनेरिया पाकिस्तान की ओर से खेलने वाले दूसरे हिंदू क्रिकेटर हैं। इससे पहले अनिल दलपत ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम का टेस्ट मैचों में प्रतिनिधित्व किया। वह दानिश के रिश्तेदार हैं। दानिश ने 61 टेस्ट में 261 विकेट झटके। टेस्ट क्रिकेट में वह पाकिस्तान के चौथे सफल गेंदबाज हैं। 18 वनडे मुकाबलों में भी उन्होंने टीम का प्रतिनिधित्व किया।

फिक्सिंग के आरोप से निकलने को मांगी प्रार्थना :
स्पॉट फिक्सिंग के आरोप के बाद उनपर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। इससे उबरने के लिए मंदिरों में जाकर आशीर्वाद लिया था। देश के कई अन्य आध्यात्मिक आश्रमों में भी वह पहले जा चुके हैं। निकट भविष्य में उनके भारत आने की कोई योजना नहीं है।

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