कहीं खाना खाना दुश्वार न हो जाए खट्टी डकार/अम्लपित्त से छुटकारा पाने के घरेलू नुस्खे

इसका मुख्य कारण पित्तज प्रकर्ति के लोगों के साथ समय से खाना न खाना। जैसे आपके पेट में भूख का महसूस होने पर उस समय खाना न खाने के कारण आपके आमाशय का पाचक पित्त आगे बढ़ जाता हैं और यह प्रक्रिया अधिक दिनों तक रहने पर पेट में जलन ,और अधिक समय के बाद पेट में घाँव(अलसर ) होने लगता हैं। पेट में रहने वाली अम्लता इतनी अधिक होतो हैं की उससे आपकी चमड़ी तक जल सकती हैं ,इसके लिए नियमित भोजन करना बहुत लाभदायक हैं। दूसरा पित्तवर्धक खाना ,मिर्च मसाले ,तली चीज़े कम या बंद करना ही लाभकारी होता हैं।
खट्टी डकार आना एक सामान्य समस्या है। खान-पान में जाने-अनजाने कई तरह की लापरवाही हो जाती हैं। इस कारण खट्टी डकार आना और इस वजह से गले में तेज जलन होना एक आम समस्या है। …
यदि आपको खट्टी डकारें आने की समस्या सुबह के समय में हो रही है तो आप इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए तुरंत एक गिलास नींबू पानी का उपयोग करें।
-यदि आप इस नींबू पानी में काला नमक मिलाकर पिएंगे तो आपको आराम जल्दी मिलेगा और मुंह का स्वाद ठीक करने में मदद मिलेगी।
-यदि खट्टी डकारों की समस्या आपको दोपहर के समय हो रही हो तो आप मीठी दही का सेवन करें। दही खाने से आपको पेट में ठंडक का अहसास होगा और खट्टी डकारों की समस्या से तुरंत राहत भी मिलेगी।
-दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो आपके पेट को ठंडा और पाचन को सही करने का काम करता है। इससे शरीर में एसिड बनना कम हो जाता है और आपको खट्टी डकारों से राहत मिलती है।
-यदि आपको खट्टी डकार आने की समस्या रात के समय हो रही हो तो आपको नींबू पानी पीना और दही खाना दोनों ही नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में आप सौंफ के साथ मिश्री का सेवन करें।
सौंफ पाचन को बेहतर बनाती है और एसिड बनने की प्रक्रिया को रोकती है। इसके साथ ही पेट में गैस नहीं बनने देती। वहीं मिश्री पेट को ठंडक देती है और स्वाद को बेहतर बनाती है। आप खाना खाने के बाद नियमित रूप से एक चम्मच सौंफ को आधा चम्मच मिश्री के साथ खा सकते हैं।
हमारा पाचन तंत्र हर समय काम करता है और शरीर को ऊर्जा देता रहता है। इस बीच सांस लेना, बात करना, खाना खाना, दौड़ना,खेलना जैसे कई काम हम करते हैं। डकार आना एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन अगर इस डकार के साथ कड़वा और जलन देनेवाला फ्लूइड गले में आने लगे तो हालत बहुत खराब कर देता है। इससे गले, पेट और सीने में तेज जलन का अहसास होता है।
-शारीरिक क्रियाकलापों के कारण भी अक्सर डकार आती है। इस डकार की वजह होता है, पेट में बढ़ा हुआ खाली स्थान । डकार यदि स्वस्थ हो तो इसका एक अर्थ यह भी होता है कि पाचन का जो काम पेट में अभी तक सामान्य रूप से चल रहा था, बढ़े हुए ब्लड फ्लो के कारण जब उसमें तेजी आ जाती है तो इससे पेट की सामान्य प्रक्रिया डिस्टर्ब होती है और पाचन तेजी से होने लगता है। इस प्रॉसेस के दौरान पेट में कुछ वैक्यूम क्रिएट होता है, जो डकार के रूप में बाहर आ जाता है।
-डकार अगर सामान्य है तो ठीक है। इसमें कोई चिंता की बात नहीं। लेकिन अगर लगातार डकार आ रही है और गैस भी पास हो रही है तो इसका मतलब है कि आपके पेट में बहुत अधिक मात्रा में गैस बन रही है। इसके समाधान के लिए आपको इसकी वजह जाननी होगी। कई बार खाली पेट भी गैस बनती है तो कभी कुछ गलत खा लेने से भी गैस बनती है।
-जब डकार के साथ गले में एसिड आने लगता है तो इस स्थिति को खट्टी डकार आना कहते हैं। इस एसिड के कारण पेट में असहजता और गले में तेज जलन होती हैं।
-अगर आपको भूख के कारण गैस बन रही है तो आप तुरंत कुछ खा लें। लेकिन एक साथ बहुत अधिक और गरिष्ठ खाना ना खाएं। इससे पाचन में दिक्कत हो सकती है। क्योंकि अभी तक भूख के कारण आपका पाचन तंत्र बहुत धीमे काम कर रहा था और अगर आप उस पर तुरंत बहुत अधिक लोड डाल देंगे तो उसके लिए मैनेज करना मुश्किल होगा।
इसलिए तेज भूख लगने पर पहले कुछ हल्का-फुल्का खाएं। जब फिर भूख का अहसास हो तो दोबारा खा लें। इससे पाचन भी दुरुस्त रहेगा और भोजन का पूरा पोषण भी आपको मिलेगा।
-जब भूख बहुत तेज लग रही हो तो आपको बहुत अधिक पानी नहीं पीना चाहिए। यह पेट दर्द की वजह बन सकता है। साथ ही आपको बार-बार यूरिन पास होने की दिक्कत भी हो सकती है। भूख को बहुत अधिक देर तक बर्दाश्त ना करें। नहीं तो सिर दर्द या पेट दर्द की शिकायत हो सकती है। इसकी वजह खाली पेट बनने वाली गैस होती है।
-बहुत तेज भूख लगने पर जब आप थोड़ा सा भी कुछ खाते हैं तो 5 से 10 मिनट के अंदर यानी जो चीज आप खा रहे हैं, उसे खाते-खाते ही डकार आ जाती है। इस डकार के बाद आपको करीब 30 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। इसके बाद आप अपना सैकेंड मील ले सकते हैं।
– यह डकार इस बात का संकेत होती है कि पेट खाली नहीं रहा और पाचन तंत्र को पाचन के लिए भोजन मिल गया है। अब आप पहले इस भोजन को पचाने में लगे पाचन तंत्र को स्पीड पकड़ने दें। उसके बाद कुछ और खाएं।
अगर आप अधिक भोजन करेंगे तो पेट में बननेवाली गैस का निकलना और सिरदर्द का कारण बनेगी। या फिर आपको लगातार एसिडिक डकार आती रहेंगी। जो पूरी तरह असहज कर देनेवाली स्थिति होती है। इसलिए इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप खाने की आदत पर नियंत्रण रखें।
पानी की मात्रा बढाए ,नियमित भोजन करे ,मिर्च मसाले कम या बंद करे। चिंता कम करे
आयुर्वेद में आविपित्तकर चूर्ण १० ग्राम दिन भर में चूसना हैं। इससे पित्त कम होगा।
कच्चा नारियल ,सौफ ,पेठा खाना भी लाभकारी होता हैं
अभयारिष्ट कुमारीआसव दोनों १० -१० एम् एल सुबह शाम भोजन के बाद पानी से ले।

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