नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग के उस निर्णय को बरकरार रखा है, जिसमें आदर्श आचार संहिता के दौरान डीएमआरसी परिसर और मेट्रो ट्रेन में किसी भी तरह के राजनीतिक प्रचार की अनुमति नहीं दी गई है। उच्च न्यायालय ने कहा कि यह रोक उचित और निष्पक्ष चुनाव के लिए है। न्यायमूर्ति संजीव सचदेव की पीठ ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के जिन उद्देश्यों के लिए निर्देश जारी किए गए हैं, उन्हें देखते हुए चुनाव आयोग द्वारा जारी प्रतिबंध उचित हैं। और भारत के संविधान के किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करते। एक विज्ञापन एजेंसी की याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने यह आदेश जारी किया। एजेंसी ने जून 2019 के चुनाव आयोग के उस निर्देश को चुनौती दी थी, जिसमें दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) से कहा गया कि विज्ञापन एजेंसियों के साथ अपनी निविदा में एक धारा जोड़े कि आदर्श आचार संहिता लागू रहने के दौरान उपलब्ध कराए गए स्थानों पर वे राजनीतिक विज्ञापन नहीं दिखाएंगे। प्रस्तावित धारा में यह भी कहा गया कि इस तरह के स्थानों पर दिखाए गए किसी भी राजनीतिक विज्ञापन को आचार संहिता लागू होते ही तुरंत प्रभाव से हटाया जाएगा। डीएमआरसी ने अगस्त 2019 में विज्ञापन एजेंसी को पत्र लिखकर उनके बीच हुए करार में उपयुक्त धारा को जोड़ने के लिए कहा।