बिलासपुर । हम अपने जागरुक प्रयत्नों से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को अक्षुण रखते हुए उसे विकास की नई दिशा दे सकते हैं। छत्तीसगढ़ नदियों एवं जल प्रवाह के संदर्भ में देश का दूसरा हिमालय हैं। एक ही वर्ष में अरपा पूर्ववत् जलमग्न और प्रवाहमान हो जाएगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार प्रदीप शर्मा ने डीएलएस महाविद्यालय के रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट सेल द्वारा रीजनल वार्मिंग व नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी विषय पर आयोजित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के समापन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में कही। अतिथियों ने सर्वप्रथम मां वीणापाणि की प्रतिमा पर माल्र्यापण व दीप प्रज्जवलन कर समारोह का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने कहा कि जल के प्रवाह को निरंतर बनाए रखना जरूरी है। जिससे धरती के सभी जीव-जंतुओं का जीवन निरंतर सुखमय रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित एसईसीएल के जीएम अमित कुमार सक्सेना ने कहा कि इस प्रकार के लोक-कल्याणकारी कार्यों में सहयोग करना हमारे एसईसीएल का सौभाग्य है और इस शोध संगोष्ठी को स्पॉन्सर करके बड़ी खुशी हो रही है। यह सच्चे अर्थों में समाज के लिए किया जा रहा सहयोग है। प्रसिद्ध समाजसेवी एवं कृषि विशेषज्ञ आनंद मिश्रा ने कहा कि मानव सभ्यता एवं विश्व की सभ्यता को बचाने के लिए अपनी पुरानी स्थिति में वापस जाना होगा। महाविद्यालय के चेयरमेन बसंत शर्मा ने आयोजन समिति को बधाई देते हुए इस कार्यक्रम को महाविद्यालयीन गतिविधियों के लिए भविष्य का रोड मैप निरुपित किया तथा सदन को यह आश्वस्त करते हुए कहा कि इस संगोष्ठी से प्राप्त निष्कर्षों पर महाविद्यालय व उसके छात्र-छात्राएं निरंतर कार्य करते रहेंगे।
प्रकृति संरक्षण के आगे आएं शैक्षणिक संस्था
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त विवि के कुलपति प्रो. बंशगोपाल सिंह ने कहा कि आज यह आवश्यक हो चुका है कि प्रकृति के संरक्षण के लिए शैक्षणिक संस्थान इसी प्रकार अपने यहां अध्ययनरत युवा वर्ग में संगोष्ठी के विषयों को आत्मसात करवाएं। अजमेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केके शर्मा ने छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले सर्पों से अवगत कराते हुए उनके संरक्षण के विषय में विस्तृत जानकारियां दी। अतिथियों ने छात्र-छात्राओं द्वारा बनाएं विविध प्रोजेक्ट्स और मॉडलों का निरीक्षण किया तथा उनकी भूरी-भूरी प्रशंसा की।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर अपर्णा दुबे, सुनीता द्विवेदी, संस्कृति शास्त्री, संजय दुबे, विजय वैष्णव, राकेश शर्मा, संजय उपाध्याय, डॉ. स्वाति शर्मा, डॉ. गीता तिवारी, संगीता बंजारे, नाजनीन खान, नम्रता गुप्ता, वंदना तिवारी, डॉ. नेहा बेहार, वंदिता गुप्ता, डॉ. समीक्षा शर्मा, शोभना कोसले, भारती भोंसले, अंकिता पाण्डेय, सुषमा, अंजली शर्मा आदि उपस्थित थे।





