शहीदों के गांवों में बनेंगे स्मारक : मौर्य

कलेक्टर ने बैठक में स्मारक के मॉडल तथा कार्य योजना बनाने के दिए निर्देश
राजनांदगांव। नक्सली हिंसा में शहीद जिले के जवानों के गांवों में उनकी स्मृति में स्मारक बनाए जाएंगे। कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने समय-सीमा बैठक में अधिकारियों को स्मारकों के मॉडल तथा कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। श्री मौर्य ने कहा कि यह शहीदों के प्रति सम्मान होगा। उन्होंने अगले एक महीने के भीतर कार्य योजना बनाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया। बैठक में अपर कलेक्टर ओंकार यदु, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तनुजा सलाम, वनमंडलाधिकारी राजनांदगांव वीपी सिंह सहित सभी एसडीएम और विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री मौर्य ने बैठक में सबसे पहले मैदानी क्षेत्रों के अधिकारियों-कर्मचारियों की मुख्यालय में उपस्थिति की समीक्षा की। उन्होंने इस संबंध में अनेक शिकायतें मिलने की बात कहते हुए मुख्यालय में अधिकारियों-कर्मचारियों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जाहिर की। श्री मौर्य ने टीएल की बैठक में अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने विधानसभा सत्र के नाम से समय-सीमा की बैठक में अनुपस्थित रहने की अनुमति मांगने वाले अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी असंतोष व्यक्त किया।
कलेक्टर श्री मौर्य ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान हर विभागीय योजना की उपलब्धियों की सही आंकड़े सहित विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संस्थागत प्रसव और टीकाकरण में शत प्रतिशत काम होना चाहिए। श्री मौर्य ने पीडीएस की समीक्षा के दौरान चावल में कनकी की मात्रा अधिक होने की शिकायतों को भी गंभीरता से लिया और सभी एसडीएम को पीडीएस की जांच करने के निर्देश दिए। कनकी की अधिक मात्रा मिलने पर एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने बोरतालाब रोड में 80 प्रतिशत बढ़ाकर रिवाईज स्टीमेट बनाने के मामले में भी एसडीएम डोंगरगढ़ को जांच करने के निर्देश दिए। इस तरह से किसी भी सड़क को फिर से बनाने में 80 प्रतिशत तक बजट कैसे बढ़ जाता है।
कलेक्टर ने मनरेगा की समीक्षा के दौरान अधिकारियों से कहा कि एक भी दिन लेबर कम नहीं होना चाहिए। 30 मार्च तक मानव दिवस सृजन का निर्धारित लक्ष्य हर हाल में पूरा होना चाहिए। इस संबंध में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। श्री मौर्य ने सभी प्रधानमंत्री आवास को 30 जून तक पूरा करने के लिए निर्देशित किया। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की बारिकी से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस अभियान को पूरी गंभीरता से लेना है और इसमें व्यापक बदलाव लाने के लिए कार्य करना है। इसमें आम लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए। कलेक्टर श्री मौर्य ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि हर सप्ताह कम से कम 10 आंगनबाड़ी केन्द्रों की जांच कर रिपोर्ट दें। इसके अलावा स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी, सुपोषण अभियान, नरेगा और विभिन्न विकास कार्यों का रिव्यू करना एसडीएम लोगों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। कलेक्टर श्री मौर्य ने आज फिर समय-सीमा की बैठक में बोर वाले ऐसे किसानों जिन्होंने गर्मी के मौसम में धान की फसल ली है उन्हें नोटिस देने के निर्देश दिए। ऐसे किसानों को बताया जाए कि समझाईश के बाद भी धान की फसल बोई गई है। भू-जल स्तर में गिरावट आने पर बिजली काटने की कार्रवाई भी हो सकती है। श्री मौर्य ने नेशनल ग्रीन ट्यूबनल के निर्देशानुसार फसल अवशेष को जलाने वालों पर जुर्माना लगाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया। श्री मौर्य ने गौठान योजना पर चर्चा करते हुए कहा कि गौठान संचालन समिति के लिए नये पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जाए। कलेक्टर ने नरवा योजना के तहत नालों में स्ट्रक्चर बनाने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई प्रारंभ करने के लिए भी निर्देशित किया।
श्री मौर्य ने वार्ड कार्यालय, हाट बाजार क्लीनिक योजना, पेयजल व्यवस्था, व्यवस्थापन, डायवर्सन, सीमांकन, नामांतरण, बटवारा, भुईयां साफ्टवेयर, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, नगरीय निकायों में राजस्व वसूली, छोटे भूखंडों के डायवर्सन प्रकरणों के निराकरण, डिजीटल हस्ताक्षर आदि की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राजस्व मामलों में एक अप्रैल के बाद मेन्यूवल कोर्ट नहीं लगेगा। ई-कोर्ट के जरिए ही राजस्व मामलों की समीक्षा की जाएगी। श्री मौर्य ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की समीक्षा के दौरान सभी किसानों का इस निधि के अंतर्गत पंजीयन कराने और उनका केसीसी बनाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने जनगणना 2021 के लिए चल रही कार्रवाई की समीक्षा करते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्य को सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ करना है। जिले में जनगणना कार्य बहुत अच्छे से होना चाहिए, क्योंकि जनगणना से प्राप्त आंकड़े सामाजिक और आर्थिक बदलाव के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। जनगणना कार्य 25 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इसमें पहले हर गांव में घरों की सूची तैयार की जाएगी। उसके बाद घरों में रहने वाले लोगों की विस्तृत रिपोर्ट बनाई जाएगी। उन्होंने इस कार्य में विभिन्न विभागों के मैदानी कर्मचारियों को लगाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्री मौर्य ने सामाजिक बहिष्कार के प्रकरणों की चर्चा करते हुए कहा कि जिले में ऐसे मामलों में जांच कर सख्ती से कार्रवाई की जाए।

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