राजनांदगांव। शासकीय कमला देवी महिला महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयेाजन किया गयाए जो कि आईक्यूएसी के तत्वावधान में महाविद्यालय पुरूष प्राध्यापकों द्वारा डाण् जीपी रात्रे के संयोजन एवं संचालन में किया गया। सर्वप्रथम प्राचार्य एवं सभी महिला प्राध्यापकों का बुके द्वारा स्वागत किया गया। तत्पश्चात डा जीपी रात्रे ने यह संदेश दिया कि समाज में कई विरोधाभाषी परिस्थितयां होने के बावजूद सृष्टि में सफलता का चक्र निरंतर चल रहा है। उसका मुख्य कारण स्त्रियों में धैर्य, ममता एवं विश्वास ही है।
प्राचार्य डॉ,सुमन सिंह बघेल ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में एक स्वरचित कविता का पाठ किया। जिसमें एक लड़की अपने जीवन में क्या चाहती है, उस पर आधारित थी, जो दिल को छू लेने वाली थी। उन्होंने कहा कि लड़की के लिए निर्भिक होकर स्वतंत्रता पूर्वक जीना ही महत्वपूर्ण है, यह तभी संभव है जब स्त्री और पुरूष दोनों अपने दायरे में रहे। प्रोफेसर केके द्विवेदी ने अपने व्यक्तत्व में कहा कि जब संस्कारों में कमी होती है, तब अप्रिय घटना घटने के अवसर बढ़े जाते है। कु अर्पणा तिवारी ने कहा कि स्त्री का जो भी रूप हो, प्रत्येक रूप सम्मानीय है। श्रीमती रामकुमारी धुर्वा ने एक ओजपूर्ण गीत के माध्यम से स्त्री जीवन के अस्तित्व की लड़ाई लड़ते हुए विजय प्राप्ति की भावना को प्रदर्शित किया। अंत में आईक्यूएसी के संयोजक डा जयसिंह साहू द्वारा कार्यक्रम के सार्थक आयोजन तथा समस्त महिलाओं के सम्मान में उपस्थिति हेतु आभार प्रदर्शन किया गया। महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं कर्मचारीगण इस अवसर पर उपस्थित थे।